Monday, October 24, 2011

Wreath (रैथ)

घास की रैथ
मैंने कुछ दिन पहले मैंने अपने सामने के दरवाजे पर टांगने  के लिए एक रैथ बनाई. रैथ का चलन 16 वीं शताब्दी में मार्टिन लूथर के सुधारवाद  के समय जर्मनी में हुआ जब गाड़ी के पहिये के साथ बच्चों को क्रिश्मिस के बारे में समझाया जाता था. रैथ एक गोल लच्छा होता है जिसे विभिन्न तरीकों से सजाया जाता है और इसे सामने के दरवाजे को सजाने के लिए टांगा जाता है.  




मैंने इसे कैसे बनाया:
कुछ दिन पहले हमारे सामने के पार्क में घास की कटाई हुई थी. और वह सूखने के बाद ढेरों इधर-उधर बिखरी पड़ी थी. एक दिन सुबह पार्क के ट्रैक पर सैर करते वक्त मेरी नजर सुखी घास के ढेर पर अटक गई और मैंने इसका कुछ उपयोग करने की सोची और मैं  जितनी एक बार में उठा सकती थी उठाई और घर ले आई कुछ 4-5 दिन बाद शाम को सामने के बरामदे में बैठ मैंने अपनी मम्मी की सहायता से घास का घेरा बनाया. इसके लिए मैंने फिर से बची-खुची बेकार चीजों का इस्तेमाल किया. प्रेशर कुकर की गैस्कैट पर बेकार पानी की ट्यूब लपेट कर उस पर घास लगाना शुरू किया और उसे गेहूँ की बोरी उधेङ प्राप्त की गई रस्सी लपेटी इस प्रकार घास का एक गोल चक्कर बनाया और उस पर सजावट की इसे बनाने का पूरा तारीका में अगली पोस्ट में विस्तार से पोस्ट करूँगी.
शब्बा खैर!

No comments:

Post a Comment