Wednesday, April 11, 2012

क्या भूलूँ क्या याद करूँ ........

देखिये इस क्रोशिये से बने पर्दे को इन्टरनेट पर इसे देख मुझे पुरानी याद आ गई ...बात कुछ १९७९ के आस-पास की है ......मेरी मामा की लड़की जो अब डालास, अमेरिका में रहती है, के लिए मैंने मक्रेम वायर का बैग बनाया था और मामी की बहन जो ट्क्सास,अमेरिका में रहती है, के लिए लाल रंग का स्वीडिश कढ़ाई का बैग बनाया था ......फिर क्या था मामी ने मुझसे कहा की उसकी भाभी जो की अब जो ट्क्सास,अमेरिका में रहती है कह रही थी की मैं उनके लिए क्रोशिये से एक बैड कवर की चद्दर बना दूँ फिर क्या था मैं उबल पड़ी की ...क्या बात करते हो?.........आपने कही कैसे इसी बात ...मुझे कोई और काम नहीं है ........मैं इतनी बड़ी चीज कैसे बना सकती हूँ?.................पर इस परदे को देखिये ..कितनी हिम्मत का काम है इतने बड़े प्रोजेक्ट को हाथ में लेना...................
क्रोशिये से बना पर्दा


मेरी पुरानी बनी चीज जो स्टोर में सुरक्षित है...
ओह देखिये यह गुलदस्ता मैंने १९ ७९ में बनाया था ऊन दिनों मैंने खूब से बैग बनाए थे ....ठीक से याद नहीं की उस नाइलों की तार/धागे को क्या कहते थे मैं तो बरसों से इन्हें मक्रेम वायर ही कहती हूँ..उन दिनों मैंने कुछ बची हुई मक्रेम वायर से यह गुलदस्ता बनाया था इसके बेस को मिटटी के तेल के स्टोव की रिंग से बनाया और vase को बल्ब (खराब) के ऊपर क्रोशिया कर फिर एक बड़ा फुल क्रोशिया करके ......
Mआज मुझे रंगों की यह बहार जरुर बनानी है

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